एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार अब खुले तौर पर मराठी व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाए जाने के समर्थन में आ गए हैं। पवार ने कहा है कि अगर यूपीए और एनडीए लोकसभा चुनाव में जादुई आंकड़ा नहीं छू पाते तो, कुछ भी हो सकता है। पश्चिमी महाराष्ट्र की माधा लोकसभा सीट में प्रचार अभियान के दौरान पवार ने कहा कि राज्य की जनता यह महसूस करती है कि देश की इस टॉप जॉब के लिए अब महाराष्ट्र को भी एक मौका मिलना चाहिए। अब तक आंध्र प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक के नेताओं को यह मौका मिल चुका है। केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा कि कांग्रेस ने एनसीपी के उस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है, जिसमें एक अजेंडा व एक नेता की अगुआई में प्री पोल अलायंस की बात कही थी। कांग्रेस सिर्फ राज्य स्तर पर अलायंस चाहती है। टीवी चैनलों से बातचीत में पवार ने एक तरह से चुनावों के बाद प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय करने के समय के लिए यूपीए सहयोगियों को विचार का एक मुद्दा दे दिया है। पवार ने मराठी मानुष की वकालत तो की पर साथ ही माना कि एनसीपी के पास इतनी सीटें नहीं होंगी कि वह पीएम पद के लिए दावा ठोक सके। पर साथ ही कहा कि चुनावों के बाद किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने की स्थिति में नवगठित तीसरा मोर्चा अहम भूमिका अदा कर सकता है। प्रचार अभियान के दौरान पवार का जोर लगातार इस बात पर रहा कि समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक साथ आकर मजबूत और स्थायी सरकार देने की जरूरत है। खासकर ऐसे वक्त जब देश आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। गौरतलब है कि शिव सेना भी पीएम पद के लिए मराठी मानुष को समर्थन देने की बात कहती रही है, जिस पर एनडीए खासकर बीजेपी में खासा विवाद रहा है। एनसीपी चीफ पवार ने कहा भी कि शिव सेना की मराठी व्यक्ति को सपोर्ट करने की पॉलिसी राष्ट्रपति चुनाव में भी जाहिर हो चुकी है, जब प्रतिभा पाटिल की उम्मीदवारी को पार्टी ने समर्थन दिया था।
Friday, March 13, 2009
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