Saturday, October 4, 2014

जांच एजेंसियों को ताज्जुब

ऑटोवालों की रोज की कमाई हजार रुपये भी नहीं होती है। ऐसे में किसी ऑटोवाले के अकाउंट्स में कुछ सप्ताह के अंतराल में डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम आ जाए, तो स्वाभाविक है, जांच एजेंसियों को ताज्जुब होगा। साइबर पुलिस ने फैयाज शेख नामक इस ऑटोवाले के साथ उसके सरगना आमिर अंसारी को भी गिरफ्तार किया है। दोनों को गुरुवार को किला कोर्ट में पेश किया गया। ऐडवोकेट अजय दुबे के अनुसार, दोनों आरोपियों को 7 अक्टूबर तक पुलिस कस्टडी में भेजने का कोर्ट ने आदेश दिया।
अंसारी कांदिवली का रहनेवाला है, जबकि फैयाज मालवणी का मूल निवासी है। दोनों की एक कॉमन फ्रेंड के जरिए दोस्ती हुई। अब तक की छानबीन में यह बात सामने आई कि आमिर अंसारी नाइजीरियन गैंग से सीधे जुड़ा हुआ था। नाइजीरियन गैंग डेटा चुराकर क्लोन डेबिट और क्रेडिट कार्ड बनाते थे। नाइजीरियन गैंग को ठगी से हथियाई गई रकम को किसी अकाउंट में ट्रांसफर करना होता था।

नाइजीरियन गैंग ने जब अंसारी से संपर्क किया, तो उन्होंने फैयाज शेख के रामू तिवारी नाम से फर्जी दस्तावेज बनवाए और फिर इन दस्तावेजों पर अलग अलग बैंकों में अकांउट्स खुलवाए। बाद में अंसारी ने इन अकाउंट्स में ट्रांसफर हुई रकम को फैयाज के जरिए निकलवाना शुरू किया। देखते ही देखते फैयाज के अकाउंट्स में 1 करोड़ 65 लाख 23 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर हो गई और निकाल ली भी गई।
अंसारी ने फैयाज के जरिए मिली इस रकम में अपना कमिशन लेकर नाइजीरियन गैंग को शेष रकम दे दी। खास बात यह है कि अंसारी को नाइजीरियन गैंग से उसके इस काम के लिए मोटा कमिशन मिलता था, पर अंसारी ने फैयाज को बदले में सिर्फ 25 हजार रुपये ही दिए थे।

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