Monday, October 27, 2014

शिव सेना में नाराजगी

शिव सैनिक नाराज हैं कि उनकी पार्टी बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। विरोध जताने के लिए वे पोस्टरों और बिल बोर्ड्स का सहारा ले रहे हैं। इनमें शिव सैनिकों ने अपने नेताओं से 'आत्मसम्मान' बचाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी की लीडरशिप में बनने वाली सरकार में शिव सेना को शामिल नहीं होना चाहिए। सेवड़ी जैसे शिव सेना के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में पिछले दो दिनों में ऐसे पोस्टर्स और बिल बोर्ड्स बड़ी संख्या में लगे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि शिव सैनिकों की ओर से पार्टी लीडरशिप से इस तरह के सवाल पूछने का यह शायद पहला मामला है। उन्होंने ठाकरे परिवार के फैसलों का कभी भी खुलकर विरोध नहीं किया है। उनके मुताबिक, इससे पता चलता है कि बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने को लेकर शिव सेना कार्यकर्ताओं में कितनी नाराजगी है। अप्रैल तक राज्यसभा में शिव सेना के सांसद रहे भरत कुमार राउत ने ट्वीट किया, 'उम्मीद करता हूं कि शिव सेना नेता संकेत को समझेंगे और विपक्ष में बैठेंगे।'
राउत का कहना है कि शिव सेना सिर्फ झुक नहीं रही है बल्कि बीजेपी उसे रेंगने को मजबूर कर रही है। शिव सेना को पसंद का पोर्टफोलियो नहीं मिल रहा है और न ही मंत्रियों की संख्या तय करने के मामले में उसकी चल रही है। इसके बावजूद शिव सेना बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है। उसकी वजह यह है कि पार्टी के कुछ नेता सत्ता चाहते हैं। राउत का अभी शिव सेना से कोई रिश्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह बीजेपी के हाथों शिव सेना को इतनी शर्मिंदगी उठाते देखकर हैरान हैं।
राउत के मुताबिक, 'शिव सेना विपक्ष में क्यों नहीं बैठ सकती? पार्टी के कुछ नेता मंत्री बनना चाहते हैं। कुछ को सरकारी बॉडीज में अपॉइंटमेंट की उम्मीद है। लेकिन क्या पार्टी इसकी इतनी ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार है? अगर बाल ठाकरे जीवित होते तो पार्टी को यह मंजूर होता!'
राउत के मुताबिक, शिव सेना को बीएमसी के लिए बीजेपी के सपोर्ट की जरूरत है। इसलिए उद्धव ठाकरे शायद बीजेपी से हाथ मिलाना चाहते हों। राउत ने बताया, 'बीएमसी शिव सेना के लिए ऑक्सिजन की तरह है। अगर सेना के पास बीएमसी की सत्ता नहीं होगी तो उसके लिए वजूद बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा।' कई शिव सैनिकों ने कहा कि वे पार्टी के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने से खुश नहीं हैं।
साउथ मुंबई से एक सेना शाखा प्रमुख ने कहा, 'हमने बीजेपी के साथ इन चुनावों में जबर्दस्त जंग लड़ी है। हमने एक दूसरे के बारे में क्या कुछ नहीं कहा है। अब हम एक साथ होने जा रहे हैं। यह ठीक नहीं है। हमें सुनने को मिल रहा है कि दिल्ली में हमारे नेताओं के साथ बीजेपी को बात करने का समय तक नहीं मिला। ऐसे में हम खुश कैसे हो सकते हैं?'

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