Saturday, August 29, 2009

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच तालमेल होने में कोई समस्या नहीं आएगी।

कांग्रेस ने महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ अपने दस साल पुराने रिश्ते को बनाए रखने का संकेत देते हुए कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच तालमेल होने में कोई समस्या नहीं आएगी। गौरतलब है कि अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र के कुछ कांग्रेस नेता एनसीपी से तालमेल के पक्ष में नहीं हैं। चुनाव पूर्व सर्वे के लिए दिल्ली से महाराष्ट्र गए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विधानसभा क्षेत्रों के नए परिसीमन और लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस को वहां 180 से 200 सीटों पर अपना दावा करना चाहिए। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा है कि हम 122 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। पिछली बार 2004 के समझौते में एनसीपी को 121 और कांग्रेस को 167 सीटें मिली थीं। वहां कुल 288 सीटें हैं। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि केन्द्र में हम पांच साल से और महाराष्ट्र में दस साल से एनसीपी के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। अभी चुनाव घोषित नहीं हुए हैं। समय आने पर सब ठीक हो जाएगा। हाल के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से कांग्रेस 26 पर लड़कर 17 पर जीती थी, जबकि समझौते में एनसीपी को मिली 22 सीटों में से वह केवल 8 सीटें ही जीत सकी थी। कांग्रेस इसे महाराष्ट्र में अपने बढ़े हुए जनाधार के रूप में प्रचारित कर रही है। जबकि एनसीपी का कहना है कि लोकसभा और विधानसभा में मुद्दे अलग होते हैं। 2004 के चुनाव में उसका प्रदर्शन कांग्रेस से अच्छा रहा था। कांग्रेस 167 पर लड़कर 69 सीटों पर चुनाव जीती थी और एनसीपी 121 पर लड़कर 71 सीटें जीती थी।

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