Friday, August 14, 2009

स्वाइन फ्लू के कारण इस साल की दही हांडी का आयोजन फीका पड़ गया

स्वाइन फ्लू के कारण इस साल की दही हांडी का आयोजन फीका पड़ गया है। कई आयोजकों ने पंडाल भी तैयार कर लिए हैं, लेकिन अब उन्होंने तय किया है दही हांडी के पैसे का वे समाज सेवा में उपयोग करेंगे। कुछ इन पैसों से मास्क खरीदकर बीएमसी के अस्पतालों को भेंट कर रहे हैं। कुछ आयोजकों ने नाम भर के लिए कार्यक्रम का आयोजन करने का फैसला किया है। वर्ली में दही हांडी के आयोजक एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष व विधायक सचिन अहिर ने बताया कि उन्होंने गोविंदा पथकों से साफ तौर से कहा कि वे बच्चों को न लाएं और घर में टी.वी. पर ही लाइव टेलिकास्ट देखें। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था ने कस्तूरबा अस्पताल में 5000 मास्क दिए हैं तथा स्वाइन फ्लू से प्रभावित मरीजों की भी मदद की जा रही है। घाटकोपर के माणेकलाल मैदान पर हर साल दही हांडी का आयोजन करने वाले सागर फेन्स एसोसिएशन के भरत सदानंद शेट्टी ने स्वाइन फ्लू के कारण हांडी नहीं लगाने का निर्णय लिया है। दही हांडी में खर्च किए जाने वाला पैसा उन्होंने स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीजों के उपचार में खर्च करने फैसला किया है। शेट्टी ने बताया कि उन्होंने इस साल 7,77,777 रुपये की हांडी रखी थी। अब यह पैसा वे लोगों को मास्क बांटने तथा स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीजों को मदद करने पर खर्च करेंगे। चेम्बूर की प्रशिक सामाजिक प्रतिष्ठान ने दही हांडी के आयोजन पर खर्च किए जाने वाला पैसा अब समाजसेवा में खर्च करने का निर्णय लिया है। प्रतिष्ठान एक लाख मास्क बांटने जा रहा है। माखन की हांडी फोड़ने के लिए गोपालों ने अच्छी खासी तैयारी कर रखी थी। कुछ पथकों के लोग तो महीनों से तैयारी कर रहे थे। ऐसे पथक के लोग निश्चित ही निराश होंगे। मझगांव दक्षिण विभाग सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के अध्यक्ष यशवंत जाधव ने बताया कि उद्धव साहेब ने जो आदेश किया है उसे अमल में लाएंगे। कुर्ला की गोरखनाथ महिला दही हांडी पथक के संस्थापक अध्यक्ष भाऊ कोरगांवकर ने बताया कि इस साल दही हांडी फोड़ने के लिए उनकी महिलाओं की टीम नहीं जाएगी।

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