मीरा रोड सट्टेबाजी मामले की रोज खुल रही परतों में मंगलवार को एक नई जानकारी पता चली है। पता चला है कि सट्टेबाजी के लिए मुम्बई से कुछ कॉल कराची ट्रांसफर किए जाते थे। जो शख्स इन कॉल्स को कराची ट्रांसफर करता था, उसका नाम रमेश कालबादेवी पता चला है। एक विश्वस्त सूत्र ने एनबीटी को बताया कि रमेश कालबादेवी अपने पास दस से बारह लाइन रखता है। इन्हीं लाइनों पर उसके पास सट्टेबाजों के कॉल आते हैं। सट्टेबाज उससे सिर्फ इतना ही कहते हैं- सलीम दुबई या मोहम्मद अली या सलीम कराची और रमेश कालबादेवी अगले ही क्षण संबंधित व्यक्ति की कॉल को दुबई या कराची ट्रांसफर कर देता है। इस काम के लिए उसे मोटा कमीशन मिलता है। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार जब तरन्नुम वाला मामला गर्म था और जब मुम्बई क्राइम ब्रांच की यूनिट तीन ने कई बड़े सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया था, उस वक्त यह रमेश कालबादेवी भी पकड़ा गया था। वह कराची में जिस मोहम्मद अली को कॉल ट्रांसफर करता था, वह मोहम्मद अली उस एक बड़े सट्टेबाज के साथ कुछ साल पहले दुबई में भी पकड़ा जा चुका है, जिसे कनाकिया पुलिस ने दस सट्टेबाजों के साथ तीन दिन पहले मीरा रोड में पकड़ा है।
Wednesday, August 19, 2009
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