Tuesday, August 18, 2015

वन रैंक वन पेंशन

शिवसेना ने वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर केंद्र से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। अपनी सहयोगी पार्टी बीजेपी पर ताना कसते हुए कहा कि वन रैंक वन पेंशन की मांग कर रहे पूर्व सैनिकों के साथ स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दिल्ली में जिस तरह का व्यवहार किया गया, वह 'शर्मनाक' और 'स्तब्ध' करने वाला है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा कि 'दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से ऐसा प्रतीत हुआ कि यदि पूर्व सैनिक प्रदर्शन स्थल से नहीं हटे तो वह उन्हें ठोकर तक मारने को तैयार थी।
वन रैंक वन पेंशन की मांग को उचित बताते हुए शिवसेना ने कहा कि 'यदि रैंक समान है तो पेंशन भी समान होनी चाहिए। यह मांग कई वर्षों से चली आ रही है और यह उचित भी है। शिवसेना ने कहा कि सांसद, विधायक और सरकारी कारिंदे अपना वेतन बढ़वा लेने में कामयाब हो जाते हैं, लेकिन दुरुह मौसम परिस्थितियों में गोलियों का सामना करने वालों की मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
शिवसेना ने कहा कि यह सुनिश्चित करना मोदी सरकार की जिम्मेदारी है कि पूर्व सैनिकों के साथ हो रहा अन्याय बंद हो। शिवसेना ने कहा कि 'प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर 2013 को रेवाडी में पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए वायदा किया था कि उनकी सरकार वन रैंक वन पेंशन लागू करेगी। तब से डेढ़ साल हो गया है। केंद्र को मुद्दे पर तत्काल कदम उठाना चाहिए।

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