महाराष्ट्र सरकार ने चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा समूह 'ए' श्रेणी
के तहत डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से
बढ़ाकर 60 साल करने का फैसला किया। राज्य कैबिनेट
द्वारा लिया गया यह निर्णय 31 मई, 2015 से ही प्रभावी माना जाएगा। इसके अलावा
मानव अंग प्रतिरोपण कानून (1994) में
खामियों के संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी और मानव अंग प्रतिरोपण संबंधी
अपराध के लिए सजा बढ़ा दी। कैबिनेट ने महाराष्ट्र एक्यूप्रेशर ट्रीटमेंट ऐक्ट 2015 के मसौदे को भी मंजूर कर लिया। इससे एक्यूप्रेशर
उपचार के बेहतर समन्वय में मदद मिलेगी।
स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं पटरी पर लाने के लिए मंगलवार को राज्य कैबिनेट में ने कई तरह के कदम उठाए हैं। ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट अधिकारियों के तीन व छह को प्रोत्साहन देने के लिए उनके वेतन में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है। खाली पड़े डॉक्टरों के पद जल्द से जल्द भरे जाएंगे। इसके लिए महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस के नियमों को शिथिल बनाया जाएगा। इसके अलावा एक स्वतंत्र मंडल की स्थापना भी किया जाएगा। वैसे ही डॉक्टर्स की नियुक्त ठेके पद्धति से पहले ही शुरू किया गया है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ और डॉक्टर के पद खाली पड़े हैं। इससे अस्पतालों में मरीजों की सेवा में परेशानियां आ रही हैं। इसका सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। मंजूर 44 पद में सिर्फ 7 ही पद खाली हैं, जबकि 37 खाली पड़े हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के 280 में से 150, ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के 620 में से 314, विशेषज्ञ डॉक्टरों के 699 पद में से 485 और डॉक्टरों के ग्रुप 'अ' के 7, 573 पद में से 2,623 पद खाली पड़े हैं।
स्वास्थ्य विभाग की सेवाएं पटरी पर लाने के लिए मंगलवार को राज्य कैबिनेट में ने कई तरह के कदम उठाए हैं। ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट अधिकारियों के तीन व छह को प्रोत्साहन देने के लिए उनके वेतन में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है। खाली पड़े डॉक्टरों के पद जल्द से जल्द भरे जाएंगे। इसके लिए महाराष्ट्र पब्लिक सर्विस के नियमों को शिथिल बनाया जाएगा। इसके अलावा एक स्वतंत्र मंडल की स्थापना भी किया जाएगा। वैसे ही डॉक्टर्स की नियुक्त ठेके पद्धति से पहले ही शुरू किया गया है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में वरिष्ठ अधिकारी, विशेषज्ञ और डॉक्टर के पद खाली पड़े हैं। इससे अस्पतालों में मरीजों की सेवा में परेशानियां आ रही हैं। इसका सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। मंजूर 44 पद में सिर्फ 7 ही पद खाली हैं, जबकि 37 खाली पड़े हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के 280 में से 150, ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के 620 में से 314, विशेषज्ञ डॉक्टरों के 699 पद में से 485 और डॉक्टरों के ग्रुप 'अ' के 7, 573 पद में से 2,623 पद खाली पड़े हैं।
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