Monday, August 10, 2015

बीएमसी का विवादित डिवेलपमेंट प्लान

बीएमसी का विवादित डिवेलपमेंट प्लान (डीपी) फरवरी 2016 में तैयार होने की संभावना हैं। बीएमसी कमिश्नर के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, डीपी को तैयार करने में और छह महीने का समय लग सकता हैं। डिवेलपमेंट प्लान के लिए समयसीमा में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव सोमवार को राज्य के नगरविकास विभाग के पास भेजा जाएगा।
'28 अगस्त को खत्म हो रही हैं चार महीने की समयसीमा'
बीएमसी से मिली जानकारी के मुताबिक, बीएमसी ने फरवरी 2015 में एक डिवेलपमेंट प्लान जारी किया था, लेकिन उसमें कई खामियां होने के कारण उसे सुधारने का निर्णय लिया गया। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बीएमसी को आदेश दिया था कि डीपी में जो गलतियां हैं, उसे सुधारकर चार महीनों के अंदर जनहित के समक्ष पेश की जाए। यह समय सीमा 28 अगस्त को समाप्त हो रही है। अब तक संशोधित डीपी तैयार नहीं हुआ है। इसके लिए और छह महीने का समय मांगा गया है।
'12 नगर योजनाकारों को नियुक्ति किया गया है'
बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, डिवेलपमेंट प्लान को बनाते समय पहले की गलतियां नहीं दोहराई जाएं, इसके लिए अखिल भारतीय स्थानिक स्वराज्य संस्था के 12 नगर योजनाकारों को नियुक्ति किया गया है। ये योजनाकार प्रत्येक विभाग का विस्तृत जायजा लेकर डीपी तैयार करेंगे। इससे पहले तैयार डीपी के विरोध में एक लाख से ज्यादा आपत्तियां और सुझाव बीएमसी को भेजे गए थे।
कब डिवेलपमेंट प्लान बनाया गया था:
1, डीपी तैयार करने का काम 2011 में शुरू हुआ था।
2, इसे 2013 में पूरा करके 2014 में पेश करना अनिवार्य था।
3, डीपी फरवरी 2015 में तैयार हुआ।
क्या थी गलतियां?
1, डीपी में नई- पुरानी इमारतों की जगह रास्तों का प्लान था।
2, डीपी में कई इमारतों और चॉलों का आस्तित्व गायब था।
3, डीपी में आदिवासी पाडों, गांवठाणों और कोलीवाडी समाज का विकास किया गया था समाप्त।
4, डीपी में हेरीटेज वस्तुओं का आस्तित्व खत्म किया गया था।
खामियां
1, डीपी में आरे कालोनी को विकास जोन घोषित किया गया था।
2, डीपी में बिल्डरों के विकास पर ध्यान देते हुए की गई थी एफएसआई की बारीश।
3, डीपी में नो विकास जोन को विकास जोन में घोषित किया गया था।

4, धार्मिक स्थलों का आस्तित्व समाप्त किया गया था।

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