Monday, June 15, 2015

जलयुक्त शिवार योजना

महाराष्ट्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए जलयुक्त शिवार योजना को लाया गया है। इस योजना को देश के नामी-गिरामी उद्योगपति, बैंकर्स, एनजीओं और कई सारे धार्मिक ट्रस्ट भी समर्थन देने लगे हैं। योजना के तहत हर साल राज्य के 5,000 गांवों को पानी की समस्या से छुटकारा दिलाया जाएगा। 
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के अनुसार, 2019 तक राज्य के एक बड़े हिस्से को जल संकट से मुक्ति दिला देंगे, इसलिए योजना का नाम ही जलयुक्त शिवार योजना (खेती के लिए जल प्रदान करने की योजना) रखा गया है। महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि किसानों को आत्महत्या करने से रोकने लिए उन्हें खेती के लिए पानी मुहैया कराना बेहद जरूरी है। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए विभिन्न NGO और बॉलिवुड हस्तियों ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं। अभिनेता आमिर खान ने इसके लिए हरसंभव मदद देने की पेशकश की है। 
बरसाती पानी जमा करने लिए महाराष्ट्र में कई सारे पैटर्न अपना रखे हैं। अण्णा हजारे का रालेगांव पैटर्न, शिरपुर पैटर्न, हिरवेबाजार पैटर्न सहित कुल 28 अलग-अलग योजनाओं के बाद जलयुक्त शिवार योजना की बुनियाद रखी गई है जिसकी शुरुआत 26 जनवरी को की गई है। इस योजना की निगरानी सैटलाइट के माध्यम से रखी जा रही है। 
इस योजना पर निगरानी रखने के लिए जिला स्तर पर पालक मंत्रियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। जिसमें जिले के कलेक्टर को विशेष अधिकार भी दिए गए हैं ताकि योजना में किसी तरह की धांधली न हो सके। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस खुद इस योजना पर निगरानी रख रहे हैं और कार्य स्थल पर जाकर मुआयना कर रहे हैं। 
इस योजना के लिए चालू वर्ष में 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस रकम में से अब तक करीब 667.91 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके अलावा भी 199.25 करोड़ रुपये अलग से जमा किए गए हैं। शिर्डी साईं संस्थान और सिद्धिविनायक मंदिर न्यास ट्रस्ट ने भी आर्थिक मदद की है। 
जलयुक्त शिवार योजना लागू करने से पहले महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के उन क्षेत्रों का चयन किया है, जहां पानी की भारी समस्या है और जहां किसान सबसे ज्यादा आत्महत्या कर रहे हैं। गांवों का चयन करने के बाद वहां पर योजना की बुनियाद रखी गई। योजना के तहत गांव के निचले क्षेत्र में गहराई तक खुदाई की जाती है या वहां के तालाबों को और गहरा किया जाता है जिससे बरसात का पानी जमा किया जा सके। 
खुदाई स्थल के चारों ओर गहराई बढ़ाई जाती है और ऐसी व्यवस्था की जाती है, जिससे आसपास के क्षेत्रों का पानी उसमें भर सके। बरसात शुरू होने से पहले ही यह काम पूरा करना निश्चित हुआ है ताकि बरसाती पानी को जमा किया जा सके। पानी जमा होने से उस क्षेत्र के आसपास का भूजल स्तर बढ़ जाएगा। जल स्तर ऊंचा उठने से बोरवेल और पानी के पंपों में भी पानी मिलने लगेगा। 
योजना के माध्यम से गांवों को सीमेंट के नाले और नहरों से जोड़ने के अलावा अन्य उपाय किए जाएंगे। मुख्यमंत्री फड़नवीस कहते हैं कि जलयुक्त शिवार योजना से किसानों के खेतों को पानी मिलने लगेगा। उन्हें 1 साल में एक ही खेत से कई फसल मिलने लगेंगी, जिससे किसान समृध्द होगा और आत्महत्या के मामलों में कमी आएगी। एक अन्य फायदा यह है कि इस कदम से राज्य को हरा-भरा बनाने में मदद मिलेगी और प्रदूषण कम होगा।

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