Friday, May 23, 2014

उपमुख्यमंत्री अजित पवार के निवास स्थान देवगिरी पर बैठक

लोकसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा करने बैठे एनसीपी ने तय किया है कि वे अब विधानसभा चुनाव की तैयारी में मजबूती से उतरेंगे। मंत्रियों से कहा गया कि वे अपने काम का बेहतर तरीके से मार्केटिंग करें, ताकि मतदाताओं को एनसीपी की खींचा जा सके। वैसे, पार्टी मानती है कि विधानसभा चुनाव लोकल स्तर पर लड़ा जाता है।
लोकसभा चुनाव में एनसीपी ने 21 जगह पर चुनाव लड़ी, लेकिन उसे चार सीट ही मिली, जबकि कांग्रेस की हालत इससे बुरी रही।
उसने 27 सीटों पर चुनाव लड़ा और एक सीट पर जीत हासिल कर सकी। इस प्रदर्शन से पार्टी प्रमुख शरद पवार बेहद ही नाराज है। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार के निवास स्थान देवगिरी पर बैठक हुई। चुनाव समीक्षा की अगली बैठक शुक्रवार को यशवंतराव चव्हाण सेंटर में होगा, जहां पार्टी के सभी मंत्री, सांसद, लोकसभा के उम्मीदवार, विधायक, जिला परिषद अध्यक्ष, सभी जिला अध्यक्ष, पदाधिकारी उपस्थति रहेंगे। पार्टी मुखिया शरद पवार बैठक को संबोधित करेंगे। बैठक में साफ किया कि लोकसभा चुनाव में हार के लिए किसी को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है।
10 जून को मुंबई में एक बड़ी सभा कर पार्टी राजनीतिक शक्ति पद्रर्शन करेगी। बैठक को सफल बनाने के लिए 10 जून को विधानमंडल का कामकाज दूसरे दिन करने की योजना बना रही है। माना जा रहा है पार्टी बीकेसी या फिर सोमेया मैदान पर सभा का आयोजन कर सकती है।
लोकसभा चुनाव हारने के कई कारण हो सकते हें। उनमें अंग्रेजी भी एक कारण है। यूपीए के समय में विश्व भर में मंदी आई थी। उस मंदी का सामना करने के लिए यूपीए ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए था। यूपीए सरकार पर बीजेपी ने कई सारे आरोप लगाए। उसका जवाब यूपीए ने जनता की भाषा में नहीं दिया। एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक का कहना है कि देश की ज्यादातर जनता हिंदी बोलती है और समझती है। दूसरी ओर विपक्ष के आरोप का जवाब कांग्रेस मंत्री अंग्रेजी में देते थे।

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