Monday, May 12, 2014

दादर स्टेशन के पास भी फेरीवालों की संख्या बढ़ती जा रही है

मुंबई की सड़कों और गलियों में कब्जा जमाए फेरीवालों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में शह दी जा रही है। बीएमसी अधिकारियों पर कई जगह नए फेरीवालों को बसाए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। खास बात यह है कि यह शिकायत खुद बीएमसी के नगरसेवक कर रहे हैं। नगरसेवकों का कहना है कि यदि इन फेरीवालों को हटाने के बाबत बीएमसी से शिकायत की जाती है तो वे कोर्ट के आदेश का हवाला देकर इनकार कर देते हैं। यही नहीं, बीएमसी ने अब तक फेरीवालों के वर्तमान जगहों की विडियोग्राफी भी नहीं शुरू की है।
कांग्रेस नगरसेवक आसिफ जकेरिया ने बताया कि बांद्रा में कई जगह बीएमसी के लाइसेंस इंस्पेक्टर पैसे लेकर नए फेरीवालों को बसा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का फायदा उठाकर अधिकारी फेरीवालों पर कार्रवाई से इनकार कर देते हैं। यही आलम वर्ली में भी है। शिवसेना नगरसेविका किशोरी पेडणेकर ने बताया कि वर्ली में सीताराम जाधव मार्ग और जी. के. मार्ग पर दिन ब दिन फेरीवालों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएमसी अधिकारी फेरीवालों से 40-50 रुपये रोजाना लेकर उन्हें बैठने की इजाजत दे रहे हैं। जी. के. मार्ग पर पहले फुटपाथ के पास कई जगह खाली थी, लेकिन अब वहां भी फेरीवाले आकर बैठने लगे हैं।

दादर स्टेशन के पास भी फेरीवालों की संख्या बढ़ती जा रही है। कांग्रेस नगरसेविका शीतल म्हात्रे ने कहा कि दहिसर (पूर्व) में स्टेशन के पास हर दिन नए फेरीवाले दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएमसी ने 2007 से लाइसेंस देना बंद कर दिया, इसके बावजूद इनकी संख्या बढ़ती जा रही है। इसमें सीधे तौर पर बीएमसी अधिकारी और स्थानीय माफिया शामिल हैं। बीएमसी ने अब तक अवैध फेरीवालों की जगह की विडियोग्राफी भी नहीं शुरू की है, जिसका फायदा उठाया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ वक्त पहले बीएमसी को अवैध फेरीवालों को जगह देने संबंधी पॉलिसी बनाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जब तक पॉलिसी नहीं बन जाती है, बीएमसी फेरीवालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है। आलम यह कि कोर्ट ने वर्तमान फेरीवालों पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है, जबकि बीएमसी अधिकारी इस आदेश की आड़ में नए आने वाले फेरीवालों को भी छूट दे रहे हैं। इस बीच, नगरसेवकों ने फेरीवालों की पॉलिसी पर काम कर रही टाउन वेंडिंग कमिटी में सदस्य बनाए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि बीएमसी एनजीओ, स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं को कमिटी में शामिल कर रही है, लेकिन अपने इलाके की बारीकी से जानकारी रखने वाले नगरसेवकों को इसमें जगह नहीं दी गई है।
अडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर मोहन अड़तानी ने कहा कि नैशनल हॉकर्स पॉलिसी बन रही है। कोर्ट का आदेश होने की वजह से हम अवैध फेरीवालों पर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। अड़तानी ने कहा कि जल्द ही सारे वॉर्डों में फेरीवालों की विडियोग्राफी शुरू की जाएगी। मुंबई में तकरीबन 2 लाख फेरीवाले हैं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर यह आंकड़ा 50 हजार ही है।

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