Friday, August 16, 2013

मुंबई ब्लास्ट के बाद वो कभी इंडिया नहीं आया

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी सहयोगी इकबाल मिर्ची की बुधवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।इकबाल मेमन उर्फ इकबाल मिर्ची की कहानी भी मुंबई के उन तमाम अंडरवर्ल्ड डॉन जैसी है, जिन्होंने अपने काले कारनामों की शुरुआत मुंबई के बंदरगाह से की। इकबाल ने गोदी यानी मुंबई के डॉक पर विदेशों से आने वाले सामान की चोरी करने से शुरुआत की, और फिर धीरे-धीरे उसका कद बड़ा होता गया। मिर्ची पाउडर बेचना मेमन का पुश्तैनी धंधा था।
दक्षिण मुंबई के नल बाजार में उसके मसालों और मिर्ची पाउडर की दुकान थी। अंडरवर्ल्ड ने भी उसे इकबाल मिर्ची नाम से अपना लिया। 80 दशक के अंत में गोदी का चोर दाऊद से जुड़ गया, दोनों ने लगभग एकसाथ ही अपना रुतबा बनाना व बढ़ाना शुरू किया। मुंबई पुलिस के एक पूर्व अधिकारी के अनुसार मिर्ची के बिजनेस माइंड और दाऊद की दहशत की जुगलबंदी ने ही दोनों का कद काफी बड़ा कर दिया था। 80 का दशक खत्म होते-होते इकबाल ड्रग सप्लाई के धंधे में आ गया।
जब इकबाल ने ड्रग सप्लाई का धंधा शुरू किया, तब कोई नहीं जानता था कि उसका नाम वर्ल्ड के टॉप 50 ड्रग सप्लायर की लिस्ट में जुड़ जाएगा। 80 के दशक में दुनिया के कई मुल्कों की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। उसके द्वारा सप्लाई की गई 80 लाख से अधिक मैंड्रेक्स की गोलियों की खेप जब मुंबई में जब्त हुई, तब अचानक ड्रग सप्लाई की दुनिया में मिर्ची का नाम बहुत बड़ा हो गया।
मेमन ने अपनी काली कमाई का ज्यादातर हिस्सा रियल एस्टेट कारोबार में लगाया। रियल एस्टेट कारोबार से होने वाली काली कमाई ड्रग के धंधे में लगती गई। 1993 मुंबई ब्लास्ट में इकबाल पर पैसा लगाने का आरोप लगा है। इस केस में उसे आरोपी बनाया गया है।
1993 ब्लास्ट से पहले अपने ड्रग के धंधे के सिलसिले में विदेशों में जाने लगा, लेकिन मुंबई ब्लास्ट के बाद वो कभी इंडिया नहीं आया।
तमाम अंडरवर्ल्ड माफियाओं की तरह उसने भी दुबई में अपना डेरा डाल दिया। वहां पर उसने बॉलिवुड ऐक्ट्रेस हिना कौसर से निकाह कर लिया। शादी के बाद उसने राइस मिल शुरू की, लेकिन मुख्य धंधा (ड्रग) कभी नहीं छोड़ा। मेमन हिंदी, अंग्रेजी और अरबी भाषा का बहुत अच्छा जानकार है, इसलिए विदेशों में दाऊद का बिजनेस फैलाने के लिए सबसे बड़ा सहारा था।
मध्यप्रदेश
 के भोपाल में स्थित इकबाल मेमन के बंगले पर उसके भाग जाने के बार सरकार ने जब्त कर लियाथा। कई सालों तक इस बंगले को ग्राहक का इंतजार था, आखिरकार मार्च, 2012 में इसे मुंबई की श्योर विनमार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड खरीदा, 7.5 करोड़ रुपये में बिकी इस प्रॉपर्टी को होटेल के तौर पर डिवेलप किया जारहा है।
इससे
 पहले नीलामी में सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी इकबाल के खौफ से पीछे हट गई थी। बंगला नहींबिकने के कारण लोगों ने इसे भूत बंगला कहना शुरू कर दिया था।
लंदन
 में अपने भतीजे को तथाकथित तौर पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार होने के बादउसे जमानत पर छोड़ दिया गया था। इसके बाद इकबाल ने अपने वकील अफसीन चौधरी के द्वारा एक स्टेटमेंटजारी करवाया था। स्टेटमेंट में उसने कहा था उसका आतंकी गतिविधियों और अंडरवर्ल्ड डॉन से कोई कनेक्शननहीं है।

No comments:

Post a Comment