Friday, September 3, 2010

20 साल विधायक, सात साल नगरसेवक और पांच साल राज्य मंत्री रह चुके राज पुरोहित मुंबई के ऋणी हैं।

20 साल विधायक, सात साल नगरसेवक और पांच साल राज्य मंत्री रह चुके राज पुरोहित मुंबई के ऋणी हैं। बताते हैं 'इस महानगर ने मुझे बहुत कुछ दिया हैं। मैं चाहता हूं कि यह शहर रहने लायक बने।' मुंबई बीजेपी के अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की घोषणा होने के बाद एनबीटी से बातचीत में पुरोहित ने बताया कि मुंबई अनाथ हो गई है। केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार ने उसे दुधारू गाय बना दिया है। मुंबई का सिर्फ दोहन किया जाता है, दिया कुछ नहीं जाता। मुंबईकरों की नागरिक सुविधाओं एवं हक के लिए वे संघर्ष करेंगे। पुरोहित ने बताया कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है। उसकी संस्कृति, मराठी भाषा, वैभव, स्थानीय मूल्य आदि का सम्मान बरकरार रखकर वे उस मेहनतकश वर्ग के अधिकार की रक्षा करने के लिए लड़ेगे, जो रोजी-रोटी कमाने यहां आया है। इसके लिए जरूरी है यह देखना कि राजनीतिक हितों के लिए महानगर का माहौल न बिगड़े। जहां तक संगठन का सवाल है, मुंबई में उसका विस्तार करने के लिए प्रयास तो वे करेंगे ही, आगामी बीएमसी के चुनाव में बीजेपी की ताकत बढ़ाने का दायित्व भी उन पर है। पुरोहित मुंबई के व्यापारियों के प्रश्नों को आवाज देते रहे हैं। उनके लिए वे लड़ाई जारी रखेंगे। मसलन टैक्स, कानून एवं व्यवस्था , सुरक्षा आदि समस्याओं और मुंबई की पानी, सफाई, हाऊसिंग, ट्रैफिक, राहगीरों के प्रश्नों को प्रशासन के दरवाजे तक ले जाने के लिए कानून के दायरे में रहकर वे आंदोलन करेंगे। पुरोहित का कार्यकाल तीन साल का है। अत: बीएमसी के आगामी चुनाव के दौरान बीजेपी की कमान उनके पास ही होगी। उस हैसियत में बीजेपी की साझीदार पार्टी-शिवसेना से सौहार्द्र बनाए रखने की जिम्मेदारी का एहसास उन्हें है। इस चुनौती का सामना करने के लिए पुरोहित ने खुद को तैयार कर लिया है।

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