Saturday, September 18, 2010

केवल 3 प्रतिशत एक्टिव होकर पुलिस को सूचना देने की जिम्मेदारी निभाते हैं।

79 प्रतिशत मुंबईकर किसी भी आतंकवादी हादसे की आशंका को लेकर अलर्ट रहते हैं, लेकिन इनमें से केवल 3 प्रतिशत एक्टिव होकर पुलिस को सूचना देने की जिम्मेदारी निभाते हैं। यह बात एक सर्वे में सामने आई है। प्रोटेक्शन सेल के डीआईजी नवल बजाज ने शुक्रवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी। मुंबई पुलिस ने दस दिन पहले 'जागृत मुंबईकर' अभियान की शुरूआत की थी। श्री बजाज के मुताबिक शुरूआत में हमने गणेश मंडलों में 30 हजार और मुस्लिम इलाकों में 15 हजार पोस्टर लगाए। शहर में पांच हजार बैनर भी लगाए गए। अभियान की दूसरी कड़ी में पुलिस प्राइवेट सिक्युरिटी गार्ड्स, टैक्सीवालों और कोस्टल एरिया को ध्यान में रखकर अपना अभियान चलाएगी-खासतौर से टैक्सीवालों को जागरूक करने पर पुलिस का विशेष ध्यान है। यहां महत्वपूर्ण है कि 26/11 को समुद्र के रास्ते मुंबई आए आतंकवादियों ने बाद में अलग-अलग स्थानों पर जाने के लिए टैक्सियां की थीं। कुछ साल पहले गेट वे आफ इंडिया व मुंबा देवी के पास फटे बम भी टैक्सी में रखकर लाए गए थे। पुलिस का लक्ष्य है कि टैक्सीवालों को इस तरह जागरूक किया जाए कि सीट पर सामान रखने की जगह होने पर भी यदि कोई यात्री डिक्की या सीट के नीचे सामान रख रहा है, तो शक होने पर वह फौरन पुलिस को सूचित करे। इसी तरह एसी प्राइवेट टैक्सियों के अंदर वह मॉनिटर पर विज्ञापन के जरिए लोगों को जागरूक करेगी। पुलिस की योजना है कि वह हर 10 दिन में मुंबईकर को जागरूक करनेवाली 1 मिनट की डॉक्यूमेंटरी फिल्म की सीडी रिलीज करे। शुक्रवार को जिस फिल्म की सीडी दिखाई गई, उसका निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया है। पुलिस अपने इस प्रचार में बड़ी-बड़ी हस्तियों को शामिल करने की कोशिश कर रही है। इन हस्तियों में सचिन तेंडुलकर का भी नाम है।

No comments:

Post a Comment