महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को बम्बई हाई कोर्ट से कहा कि पुलिस को सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता सतीश शेट्टी हत्याकांड में आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स के अध्यक्ष वीरेंद्र म्हैस्कर के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला है। सतीश के भाई संदीप शेट्टी ने पूर्व में आरोप लगाया था कि एक घोटाला उजागर करने के बाद म्हैस्कर ने उनके भाई को धमकी दी थी। संदीप के वकील ने कहा कि मामले की जांच गलत दिशा में जा रही है और पुलिस म्हैस्कर को गिरफ्तार नहीं करना चाहती। हाई कोर्ट ने पुणे के नजदीक तालेगांव में इस साल जनवरी में हुई शेट्टी की हत्या के मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। शेट्टी ने सूचना का अधिकार कानून के तहत दी गई अजिर्यों के जरिए जमीन से सम्बन्धित कई घोटालों का पर्दाफाश किया था। पुणे पुलिस ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया था। सरकार ने पिछले हफ्ते इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था।
Tuesday, April 13, 2010
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