Wednesday, February 3, 2010

शिवसेना के रुख को महाराष्ट्र में भी लोगों का समर्थन नहीं करुणा

महाराष्ट्र भारतीयों का या मराठियों का , इस विवाद में अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम . करुणानिधि भी कूद पड़े हैं। करुणा ने कहा है कि शिवसेना के रुख को महाराष्ट्र में भी लोगों का समर्थन नहीं है। उन्होंने शिवसेना के इस दावे को भी सिरे से नकार दिया कि दक्षिण भारत में लोग हिन्दी विरोधी हैं। करुणानिधि ने कहा , महाराष्ट्र में भी उनके ( उद्धव ठाकरे ) रुख को लोगों का समर्थन हासिल नहीं है। गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने रविवार को अपनी पार्टी के इस रुख का बचाव करते हुए बीजेपी और संघ समेत अन्य दलों पर हमला बोला था। संघ ने शिवसेना के महाराष्ट्र पर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि मुंबई पूरे भारतवासियों के लिए है।
इस मामले में संघ ने अपने स्वयंसेवकों से उत्तर भारतीयों की रक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। करुणानिधि ने दक्षिण भारत के लोगों का हिन्दी विरोधी होने संबंधी बयान को खारिज करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों के पास कोई संकीर्ण दृष्टिकोण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा - कोई राजनीतिक दल ऐसा नहीं है जो इतना संकीर्ण मानसिकता रखती है कि अपने लोगों को अपने प्रदेश की भाषा बोलने के अलावा अन्य भाषाएं बोलने से रोकती हो। गौरतलब है कि 1960 के दशक में करुणानिधि की डीएमके समेत अन्य द्रविड़ पार्टियों के लिए हिन्दी विरोधी अभियान एक बड़ा मुद्दा हुआ करता था , लेकिन हाल में वह इससे ऊपर उठे हैं।

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