Sunday, September 20, 2009

महाराष्ट्र और देश के अनेक भागों में बोगस राशन कार्ड बनते हैं

महाराष्ट्र और देश के अनेक भागों में बोगस राशन कार्ड बनते हैं और वितरित किए जाते हैं लेकिन सबूत के तौर पर इसे अब तक साबित नहीं किया जा सका है। ऐसी जानकारी चुनाव आयोग ने बाम्बे हाईकोर्ट को दी। हालांकि, चुनाव आयोग ने 13 अप्रैल को मतदान के लिए राशन कार्ड को सबूत के तौर पर मानने की घोषणा की थी। इसी बीच मुम्बई में करीब दस हजार बोगस राशन कार्ड का मामला सामने आया। यहीं नहीं मुख्य न्यायाधीश स्वतंत्र कुमार का भी बोगस राशन कार्ड बनाया गया। इसी को मुद्दा बनाकर बाम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। इस संबंध में हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को जवाब देने के लिए कहा था। चुनाव अयोग ने हाईकोर्ट को अवगत कराया कि चुनाव के दौरान राशन कार्ड को सबूत के तौर पर माना जाएगा। मंगलवार को न्यायाधीश बिलाल नाजकी और न्यायाधीश ए.आर. जोशी की अदालत में बोगस राशन के मामले की सुनवाई थी। याचिकाकर्ता ने राज्य में पाए गए 10 हजार बोगस राशनकार्ड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी और उसने अपने याचिका में बोगस राशन कार्ड के पीछे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर आश्रय देने का आरोप लगाया था। यह याचिका नवी मुम्बई के शिवसेना विभाग प्रमुख शिरीष नारायण घरत ने की थी।

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