बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुम्बई पुलिस के क्राइम ब्रांच को आड़े हाथों लिया। कोर्ट ने कहा कि क्राइम ब्रांच ने दावा किया है कि उसने मालेगांव विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के वकीलों की हत्या की साजिश रचने वाले छोटा शकील गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है जबकि आरोप पत्र में इसका जिक्र नहीं किया गया है। जस्टिस बिलाल नजकी और जस्टिस ए. आर. जोशी उस समय पुलिस पर बिफर पड़े जब आरोपियों में से एक कामिल ने उनसे आग्रह किया कि वे पुलिस को यह स्पष्ट करने का निर्देश दें कि वकीलों की हत्या की साजिश से उनका कोई लेना देना नहीं है और उनकी गिरफ्तारी डाका की साजिश रचने को ले कर की गई थी। कामिल के वकील अय्याज खान ने कहा, 'आरोप पत्र तक में भी इस तरह की किसी साजिश का कोई जिक्र नहीं है।' जस्टिस नजकी ने कहा, 'आप मीडिया को सूचना देते हैं, लेकिन आप यह नहीं सोचते कि मजिस्ट्रेट को भी इसकी सूचना देना जरूरी है।' जस्टिस नजकी ने कहा कि 'प्रथम दृष्टया यह अदालत की अवमानना है।' मुम्बई क्राइम ब्रांच ने नौ जुलाई को मोहम्मद असमल इस्माइल घाची उर्फ डॉक्टर, अरविन्द कुमार पाठक उर्फ पंडिट, कामिल अनवर इफजी उर्फ जान और शाहिद मोहम्मदली फकीर उर्फ बाबू को गिरफ्तार किया था और उनके पास से कुछ हथियार बरामद किए थे। बाद में मुम्बई क्राइम ब्रांच चीफ राकेश मारिया ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि ये लोग छोटा शकील गिरोह के सदस्य हैं और मालेगांव विस्फोट की आरोपी प्रज्ञा के वकीलों की हत्या के लिए शहर में थे।
Thursday, September 3, 2009
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