Wednesday, July 17, 2013

सत्ता पक्ष औरविपक्ष एकजुट

 डांस बार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफविधान मंडल के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सत्ता पक्ष औरविपक्ष एकजुट दिखाई दिए। जहां सत्ता पक्ष ने इस फैसले कोचुनौती देने के विकल्पों के बारे में बात की वहीं विपक्ष भीसरकार से यही जानना चाहता था कि आखिर सरकार आगेक्या करने जा रही है। 

विधान परिषद में विपक्ष के नेता विनोद तावडे ने सरकार परडांस बार के मामले में राज्य सरकार अपना पक्ष रखने में पूरीतरह से असफल साबित होने का आरोप लगाया। उन्होंनेअपना बार बंद रखने के लिए नया कानून बनाने की मांग की। शिवसेना की नीलम गोरहे ने सरकार से अगलेकदम का खुलासा करने को कहा। शिवसेना विधायक दिवाकर रावते ने कहा कि गृहमंत्री आर . आर . पाटील कीपहचान महाराष्ट्र में डांस बार बंद करने से हुई है। ऐसे में इन पर पाबंदी हटाना कई घरों को दोबारा बर्बाद करनेकी राह पर लाने जैसा होगा। 

शिवसेना विधायक जयंत परब ने तो इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा विधिमंडल का काम कानून बनाना है। इसकानून के आधार पर फैसले सुनाने का अधिकार कोर्ट का है। दोनों को एक दूसरे के कामकाज में हस्तक्षेप नहींकरना चाहिए। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने कहा सरकार को अब कानून में बदलाव कर सख्ती बरतनेपर विचार करना चाहिए। गृहमंत्री आर . आर . पाटील ने इस पर सदन में अपनी बात रखी। उन्होंने कहा किसरकार और समूचा विपक्ष चाहता है कि पाबंदी जारी रहें। यह मकसद हासिल करने के लिए सरकार वकीलों औरवरिष्ठ सदस्यों से मशविरा करेगी। उनके सहयोग से नए सिरे से कानून या मौजूदा कानून में बदलाव पर भीविचार हो सकता है। तीसरा ऑप्शन पुन : कोर्ट में अपील का भी हो सकता है। 

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