Friday, May 21, 2010

जैसे ही आर्थिक मंदी के बादल छंटने की आहट दिखाई दी, बिल्डरों ने अपने रेट बढ़ाने शुरू कर दिए

जैसे ही आर्थिक मंदी के बादल छंटने की आहट दिखाई दी, बिल्डरों ने अपने रेट बढ़ाने शुरू कर दिए हैं जिसका नतीजा यह देखने में आ रहा है कि पोटैंशियल कस्टमर फ्लैट खरीदारी के अपने फाइनल फैसले से बिदकते जा रहे हैं। रीयल इस्टेट से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सेल या बुकिंग में गिरावट करीब-करीब 45 से 50 प्रतिशत तक हो गई है। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि बीते सालों में अपना हाथ जला चुके खरीदार अब भी आशंकित हैं कि कहीं ज्यादा कीमतों पर ली गई प्रॉपर्टी बाद में करेक्शन का शिकार न बन जाए। जानकारों के अनुसार, बिल्डरों द्वारा अपनी कीमतें बढ़ा दिए जाने के कारण सबसे बड़ा और तुरत परिणाम यह सामने आया है कि बिल्डरों के यहां आने वाली इन्क्वायरी के कॉल काफी हद तक कम हो गए हैं। हां, हाल के दिनों में जिन बिल्डरों ने छोटे प्रोजेक्टों को लांच किया है, उनके यहां जरूर खरीदार पहुंच रहे हैं। सबर्ब में एक बिल्डर के यहां बुकिंग कराने पहुंचे एक कस्टमर ने बताया कि मैंने जब 6-7 हफ्ते पहले कॉल किया था तो यहां के प्रोजेक्ट की कीमत 5,600 रुपए प्रति स्क्वायर फुट बताई गई थी। अब उसी प्रोजेक्ट का रेट 5,850 रुपया बताया जा रहा है। अचानक बढ़े इस दाम के बाबत एक बिल्डर का कहना है कि बीते महीनों में स्टील और सीमेंट की कीमतें जिस तरह से बढ़ी थी उसे देखकर हमारे पास प्रॉपर्टी के रेट बढ़ाने के अलावा और कोई चारा नहीं था। जबकि एक दूसरे डिवेलपर प्रॉपर्टी के रेट को भ्रष्टाचार के मुद्दे से जोड़कर देखते हैं। उनका कहना है कि यह मुद्दा इतना बड़ा है कि अगर इसे कंट्रोल किया जाए या इसका कोई साफ सुथरा सिस्टम बना दिया जाए तो न सिर्फ भ्रष्टाचार की गंगोत्री बंद हो जाएगी, बल्कि प्रॉपर्टी के रेट भी कम होने के अवसर पैदा हो जाएंगे। वे थोड़ा और मुखर होकर नाम न बताने का आग्रह करते हुए कहते हैं कि विंडो-दर-विंडो हमें सरकारी बाबुओं को इतने पैसे खिलाने होते हैं कि हमारा सारा बजट गड़बड़ा जाता है। पैसे खिलाने का यह सिस्टम इतना फल-फूल चुका है कि अब तो हमारे जैसे बिल्डर एनओसी पास करवाने के लिए भी अपना बजट अलग से बनाने लगे हैं। वे कहते हैं कि हम पिछले कई सालों से सरकार से इस झंझट को खत्म करने की मांग करते आ रहे हैं, मगर सच कहूं तो बिल्डर और सरकार दोनों ने अभी तक इस बारे में कोई ध्यान नहीं दिया है। प्रॉपर्टी के रेट के बढ़ते ट्रेंड पर मुंबई प्रॉपर्टी एक्सचेंज के संदीप साध कहते हैं कि यह बड़ी ही विचित्र स्थिति है, क्योंकि दक्षिण मुंबई में जहां नए प्रोजेक्ट आना करीब-करीब बंद हो गए हैं, वहां खरीदारों ने रीसेल के फ्लैटों को ऊंची कीमतों के कारण खरीदना बंद कर दिया है।

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