Tuesday, May 18, 2010

तापमान से हरी सब्जियां भी महंगी

दिनों-दिन बढ़ते तापमान से हरी सब्जियां भी महंगी होती जा रही हैं। थोक मंडी में तो कुछ सब्जियों के भाव दुगुने हो गये हैं। वहीं, शहर भर में फैले खुदरा सब्जी विक्रेता थोक मंडी में हुई मूल्यवृद्धि का फायदा उठाते हुये मनमानी कीमत पर सब्जियों को खुले बाजार में बेच रहे हैं। वाशी थोक मंडी से प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक थोक मंडी में रोज औसतन 570 से 580 ट्रक-टेंपो में भरकर सब्जियां आती थीं। पर राज्य में पड़ रही भीषण गर्मी से यह औसत घटकर 470 से 480 ट्रक-टेंपो तक रह गया है। 42 डिग्री से 47 डिग्री तक की भीषण गमीर् और बेमौस बरसात से सब्जियों के उत्पादन पर विपरीत असर पड़ा है। भीषण गर्मी से करीब 30 फीसदी तक सब्जियां या तो खराब हो जाती हैं या बिकने के पहले ही सड़ जाती हैं। गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले 3 से 5 रुपये प्रति किलो बिकनेवाला टमाटर दुगुने भाव से 6 से 10 रु. प्रति किलो बिक रहा है। खुले बाजार में यही टमाटर 14 से 18 रु. प्रति किलो दर से बेचा जा रहा है। हरी मिर्ची अन्य राज्यों से तथा विदेशों से भी भारी मांग के चलते दुगुने से भी अधिक भाव से बेची जा रही है। सादी मिर्ची 16 से 20 रु. से बढ़कर 23 से 45 रु. प्रति किलो थोक भाव से तथा 55 से 60 रु. प्रति किलो खुदरा व्यापारियों द्वारा बेची जा रही है। वहीं तीखी मिर्ची 80 रु. प्रति किलो खुले मार्केट में बिक रही है। इसी प्रकार 20 से 25 रु. प्रति किलो बिकने वाली फरसबी अब 42 से 52 रु. प्रति किलो थोक भाव से बिक रही है। सर्वाधिक लोकप्रिय फ्लावर यानी फूलगोभी 30 से 40 रु. दर से बिक रही है।

No comments:

Post a Comment