Wednesday, May 26, 2010

एक मई 2005 के पूर्व दायर सभी राजनीतिक मामले वापस

गृह राज्यमंत्री रमेश बागवे के विवाद ने अनपेक्षित नतीजा दिया है। उनके खिलाफ दायर 19 मामले वापस लेने का रास्ता साफ करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने एक मई 2005 के पूर्व दायर सभी राजनीतिक मामले वापस ले लिए है। अब सिर्फ वही मामले लंबित रहेंगे जिसमें जान माल की हानि हुई है। जो मामले खारिज हुए हैं वे आंदोलन, प्रदर्शन, मोर्चा आदि स्वरूप के है। बागवे के खिलाफ मामले दायर होने के कारण उनका पासपोर्ट रिन्यू नहीं हुआ था। इसी बात पर बखेड़ा खड़ा हुआ था। कांग्रेस एनसीपी सरकार के लिए यह बात प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई थी। इधर बागवे विवाद ने पुलिस बनाम राजनेता के बीच छिड़ी जंग का स्वरूप धारण कर लिया था। इसलिए गृहमंत्री आर.आर. पाटिल बेचैन थे। मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने उन्हें बागवे इश्यू का सम्मानजनक हल निकालने का आदेश दिया था। इससे पहले कि वह और तूल पकड़े पाटिल ने सभी मामले खारिज करने का निर्णय कर लिया। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि राजनीतिक दलों द्वारा जनता के प्रश्नों के लिए आंदोलन किये जाते हैं, इस संदर्भ में दायर हजारों मामले अदालत में लंबित है। इन मामलों की समीक्षा करने के बाद सरकार ने मई 2005 से पहले के केस वापस लेने का निर्णय किया है। जहां तक जानमाल के नुकसान से जुड़े केस हैं, आर.आर. ने बताया कि कलेक्टरों से ऐसे मामले में नुकसान का मूल्यांकन करने के लिए कहा जाएगा । यदि संबंधित आरोपी उसकी भरपाई करने के लिए तैयार हो तो एक समिति उसके केस वापस लेने के बारे में निर्णय करेगी। समिति में कलेक्टर, सरकारी वकील और जिला पुलिस अधीक्षक का समावेश होगा।

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