Wednesday, March 31, 2010

जिन्ना की महानगर में स्थित संपत्ति जिन्ना हाउस को लेकर कानूनी विवाद में एक नया मोड़

पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की महानगर में स्थित संपत्ति जिन्ना हाउस को लेकर चल रहे कानूनी विवाद में एक नया मोड़ आ गया है तथा हाल में एक ऐसी वसीयत की प्रति मिली है, जिसमें उन्होंने संपत्ति का उत्तराधिकार अपनी बहन को सौंपा है। एक अधिकारी ने कहा कि वसीयत में इस बात का जिक्र है कि नेता ने संपत्ति का उत्तराधिकार अपनी बहन फातिमा जिन्ना को सौंपा था। दक्षिणी मुम्बई के संभ्रात माउंट प्लीसेंट रोड पर स्थित जिन्ना हाउस पर जिन्ना की पुत्री दीना वाडिया ने दावा किया है। मुम्बई में संरक्षक कार्यालय के प्रभारी दिनेश सिंह ने बताया, 'भारत में शत्रु संपत्ति के संरक्षक के रिकार्ड में 30 मई 1939 की तारीख वाली वसीयत तथा बंबई हाई कोर्ट के कानूनी प्रमाणपत्र की प्रति मिली है।' सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट ने 1962 में वसीयत को वास्तविक और फातिमा के पक्ष में लागू होने के लिए कानूनी रूप से प्रमाणित किया था। उन्होंने कहा कि हमने प्रति को विदेश मंत्रालय के पास भेज दिया है। ब्रिटिश नागरिक और उद्योगपति नुस्ली वाडिया की मां दीना (90) ने अपैल 2007 में हाई कोर्ट की शरण ली थी और जिन्ना हाउस पर अपना दावा करते हुए कहा था कि उनके पिता ने कोई वसीयत नहीं छोड़ी थी। दीना के अनुसार उनके पिता खोजा मुस्लिम थे। यह संप्रदाय हिन्दू कानूनों का पालन करता है न कि शरीयत का। लिहाजा हिन्दू उत्तराधिकार कानून लागू करना चाहिए, जो पुत्री को संपत्ति का उत्तराधिकारी मानता है। इस मामले में इस्लामी कानून लागू नहीं किया जाना चाहिए जिसमें मृतक के भाई बहनों को भी संपत्ति का उत्तराधिकारी माना जाता है। केन्द्र सरकार के अनुसार 1949 के बंबई निष्क्रमण (इवेक्यूई) कानून के तहत जिन्ना हाउस को निष्क्रमित संपत्ति घोषित कर दिया गया और सरकार के पास इसका स्वामित्व आ गया।

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