Friday, December 4, 2009

2 किमी के रूट पर पहले मोनो रेल का ट्रायल होगा

एसएमआरडीए के कमिश्नर रत्नाकर गायकवाड़ ने बताया कि मोनो रेल उन्हीं जगहों पर ऑपरेट होगी जहां फिलहाल लोकल ट्रेन, मेट्रो या बेस्ट की की बसें कम चलती हैं या नहीं चलती हैं। बता दें कि जिस 2 किमी के रूट पर पहले मोनो रेल का ट्रायल होगा, वह चेम्बूर से वडाला के बीच बिछाई जानी वाली 20 किमी के प्रोजेक्ट का हिस्सा है। दूसरा प्रोजेक्ट वडाला से जैकब सकिर्ल के बीच है जो 10 किमी लंबा है और इसे साल 2010 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। गायकवाड़ के मुताबिक यूं तो मोनो रेल वहां से गुजारी जा रही है जो अभी तक यातायात के साधनों से अछूती रही है, मगर इसका भी खयाल रखा गया है कि मोनो रेल की कनेक्टिविटी, मेट्रो, लोकल ट्रेन या बेस्ट बसों के स्टॉप से भी हो। एक आंकड़े के मुताबिक जहां-जहां से मोनो रेल गुजरेगी वहां के आसपास के 23 लाख लोगों को इसका फायदा मिलेगा। गौरतलब है कि मोनो रेल के रास्तों को महालक्ष्मी, करी रोड, वडाला और चेम्बूर से गुजारा जा रहा है क्योंकि इन रास्तों पर सेंट्रल रेल, वेस्टर्न रेल और हार्बर लाइन की लोकल ट्रेनें गुजरती हैं। याद रहे कि मोनो रेल की स्पीड 32 किमी प्रति घंटा की होगी और इसे बनाने में 2460 करोड़ का खर्च आएगा जिसे एमएमआरडीए वहन कर रही है। इसकी फ्रीक्वेंसी 6 से 9 मिनट में एक मोनो रेल की तय की गई है और किराया मुम्बई मेट्रो की तर्ज पर 5 रुपए से लेकर 20 रुपए तक होगा।

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