शिवसेना के मुखपत्र "दोपहर का सामना" के
कार्यकारी संपादक के पद से इस्तीफा दे चुके प्रेम शुक्ल के भाजपा में शामिल होने
का अनुमान है। शुक्ल ने गुरुवार को सामना के संपादक एवं प्रबोधन प्रकाशन के मुख्य
ट्रस्टी उद्धव ठाकरे को मेल से इस्तीफा भेज दिया।
निर्भय पथिक से
पत्रकारिता में कदम रखने वाले प्रेम शुक्ल "दोपहर का सामना" से 1993 में
चीफ रिपोर्टर के रूप में जुड़ गए थे। तब इस अखबार के संपादक संजय निरुपम थे। निरुपम
के शिवसेना छोड़ने के बाद कार्यकारी संपादक के रूप में प्रेम शुक्ल ने जिम्मेदारी
संभालनी शुरू की थी।
सामना के मराठी और
हिंदी संस्करणों को पार्टी के संस्थापक बालासाहब ठाकरे के स्वभाव के अनुसार ही
तीखे तेवरों के लिए जाना जाता है। यही कारण है कि अपेक्षाकृत नरम स्वभाव के नए
पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में भी सामना के संपादकीय में छपनेवाली
टिप्पणियां अक्सर पार्टी का अधिकृत विचार मान ली जाती हैं।
इसी क्रम में
महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनाव में प्रेम शुक्ल द्वारा भाजपा के वरिष्ठ
नेताओं पर की गई कुछ तीखी टिप्पणियां भाजपा आलाकमान को रास नहीं आई थी। इसके
बावजूद प्रेम शुक्ल के भाजपा में प्रवेश की संभावना को अचरज से देखा जा रहा है।
प्रेम शुक्ल उत्तर
प्रदेश के सुल्तानपुर जनपद के मूल निवासी हैं। पता चला है कि उन्हें भाजपा की
राष्ट्रीय इकाई में प्रवेश दिया जाएगा। शुक्ल को राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय कर
भाजपा देश के अलावा मुंबई के हिंदी भाषी समाज में भी इस्तेमाल करना चाहेगी।
मुंबई में उत्तर
प्रदेश मूल के लोगों की संख्या करीब 40 लाख है और भाजपा के पास
इस वर्ग का नेतृत्व करने के लिए कोई तेजतर्रार नेता नहीं है। इसलिए यहां के उत्तर
भारतीय मुख्यतया कांग्रेस का वोट बैंक माने जाते हैं।
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