Wednesday, January 15, 2014

न तो गुटखे का आना रुक रहा है और न उसकी चोरी-छिपे बिक्री

गुटखा खाने व उसको बेचने पर लगे सख्त प्रतिबंध के बावजूद मुंबई, ठाणे व नवी मुंबई समेत पूरे महानगर क्षेत्र में न तो गुटखे का आना रुक रहा है और न उसकी चोरी-छिपे बिक्री, न इसके ग्राहकों द्वारा इसे धड़ल्ले से खाया जाना ही रुक रहा है। पूरे मुंबई क्षेत्र में गुटखा प्रेमियों की भारी मांग को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्यों से स्मगलरों द्वारा बड़े पैमाने पर इसे लगातार भेजा जा रहा है। इसी वजह से इस समय खुले बाजार में गुपचुप तरीके से बेचे जा रहे गुटखे के एक पाउच कीमत से चार से छह गुना तक अधिक दामों में बेचे जा रहे हैं। 
चोरी-छिपे लाए जा रहे गुटखे को कभी छोटे-छोटे वाहनों में लाया जाता है तो कभी ट्रकों, ट्रेलरों में छिपाकर। बीते कुछ महीनों से पुलिस की तेज नजर से बचने के लिए निजी गाड़ियों का उपयोग करने लगे हैं। हालात इतने खराब हैं कि पुलिस व प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी टनों की मात्रा में हर दिन मुंबई में गुटखा लाया जा रहा है। इसी पिछले दिनों ही पनवेल में गुटखे से भरी चार गाड़ियों को पुलिस ने पकड़ा है। इस रेड में कामोठे, नवीन पनवेल व कलंबोली पुलसि स्टेशन से जुड़े दस्तों ने सामूहिक रूप से हिस्सा लिया।
 
पुलिस के जोन दो के पुलिस उपायुक्त संजय येनपुरे को टिप मिली थी कि पुणे से मुंबई की तरफ गुटखे का एक बड़ा भंडार चोरी-छिपे जाने वाला है। इसके बाद उन्होंने अपने मार्गदर्शन में तीन पुलिस स्टेशनों की एक संयुक्त टीम बनाई और कामोठे सिग्नल के पास नाकाबंदी करते हुए सभी वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। इस नाकेबंदी में सभी गाड़ियों की चेकिंग की जा रही थी। जब इनके सामने से एक टाटा इंडिको (एमएच-04-डीजी-1028) कार गुजरने लगी तो पुलिस की टीम को उसके ड्राईवर पर शक हो गया। जब उसे रोककर कार की तलाशी ली गई तो उसमें 2,01,960 रुपये के गोवा गुटखा से भरी 22 बोरियां मिली। इस कार में बैठे जितेंद्र मिश्रा व दीपक इंद्रसेन सिंह को पकड़कर जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उन लोगों ने बताया कि अभी कुछ और गाड़ियां भी मुंबई जाने वाली हैं।
 

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