Friday, October 15, 2010

यूपीए की अध्यक्ष ने कहा, 'हमें अहिंसा, त्याग और भाईचारे के गांधी जी के सिद्धांतों पर चलते रहना होगा।


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को ऐसी ताकतों से सावधान रहने को कहा , जो मजहब और भाषा के नाम भड़काऊ बातों के माध्यम से लोगों में दरार पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। महाराष्ट्र के वर्धा जिले में 'सद्भावना रैली' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, उनसे सावधान रहने की जरूरत है जो हमें भाषा और मजहब के नाम पर बांटने की कोशिश रहे हैं। यह रैली कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई द्वारा आयोजित 'ग्राम से सेवाग्राम' फ्लैग मार्च के समापन समारोह का हिस्सा थी। सोनिया ने कहा, 'कुछ कहने से पहले मैं आप सभी को हुई असुविधा के लिए माफी मांगना चाहूंगी। एयरक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आ जाने की वजह से मैं रैली स्थल पर देर से पहुंची।' उन्होंने कहा, 'यह महात्मा गांधी और विनोबा भावे की पवित्र भूमि है। मैं इस पवित्र भूमि को प्रणाम करती हूं। एक कमजोर समाज विकास के रास्ते पर पिछड़ जाता है। हमें अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभाना होगा, साथ ही सामाजिक प्रतिबद्धताओं को भी ध्यान में रखना होगा।' यूपीए की अध्यक्ष ने कहा, 'हमें अहिंसा, त्याग और भाईचारे के गांधी जी के सिद्धांतों पर चलते रहना होगा। हमारे महान नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं ने देश की आजादी के लिए खून बहाया है।' सोनिया ने कहा, 'मेरे दिवंगत पति राजीव गांधी ने 21वीं सदी के मजबूत भारत का सपना देखा था। यह आपके सामने है। हमारे लिए राजनीति हमेशा से कमजोर तबकों की सेवा का जरिया रही है। कांग्रेस की अगुवाई में चल रही सरकार किसानों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के विकास पर ध्यान दे रही है। साथ ही हम स्वास्थ्य, शिक्षा और नई पीढ़ी को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में प्रयासरत हैं।' उन्होंने कहा, 'संसद द्वारा पास किया गया शिक्षा का अधिकार अधिनियम गरीब से गरीब बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। हम खाद्य सुरक्षा बिल लाने की तैयार कर रहे हैं जो लोगों को भोजन की गारंटी देगा, खासकर उन्हें जो गरीब हैं। ' पार्टी की स्थापना के 125 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर में हो रहे कार्यक्रमों के हिस्से के तौर पर आयोजित इस रैली को सफल बनाने के मकसद से पार्टी ने बड़े पैमाने पर इंतजाम किए थे।

2 comments:

  1. सोनिया गाँधी के मुहँ से त्याग और अहिंसा शब्द निकलना इन दोनों शब्दों के साथ क्रूर मजाक है ..सोनिया गाँधी अपनी अंतरात्मा को टटोल कर देखें जरा की उन्होंने इस देश और समाज को क्या दिया है ...?

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  2. अहिंसा, त्याग, भाईचारा… और वह भी कांग्रेस से?
    हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हाहा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा

    "…इस रैली को सफल बनाने के मकसद से पार्टी ने बड़े पैमाने पर इंतजाम किए थे…" इसी में सब कुछ आ गया… :) :)

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