Friday, February 12, 2016

इशरत लश्कर आतंकी



मुंबई की विशेष अदालत को दिए लश्कर आतंकी डेविड कोलमैन हेडली के बयान को लश्कर आतंकी इशरत जहां की मां शमिमा कौसर ने झुठला दिया है। उसका कहना है कि उसकी बेटी निर्दोष है और बड़े लोग उसे बेवजह इस मामले में फंसा रहे हैं।
इसी तरह 19 वर्षीय इशरत जहां की बहन मुसर्रत और वकील वृंदा ग्रोवर ने दावा किया कि इशरत का आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं था। ग्रोवर ने हेडली मामले में सरकारी वकील उज्ज्वल निकम के अदालती तौर-तरीकों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले का हेडली के मामले से कोई लेना-देना नहीं था। वह निर्दोष थी और उसे फर्जी एनकाउंटर में मारा गया था। ग्रोवर ने कहा कि हेडली ने अपने बयान में कहा है कि उसे बताया गया था। अदालत में कही-सुनी बातों को सुबूत नहीं माना जा सकता।
दूसरी ओर, इशरत के साथ ही एनकाउंटर में मारे गए आतंकी जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई के पिता ओपीनाथ पिल्लई ने भी कहा कि उन्हें लगता है कि इशरत लश्कर आतंकी नहीं थी। यह सरासर गुजरात पुलिस का फर्जी एनकाउंटर था।
सही साबित हुई गुजरात पुलिस
मुंबई। पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली के इशरत जहां पर किए गए खुलासे से गुजरात पुलिस ने राहत की सांसें ली है। गुजरात पुलिस यह कहती रही है कि इशरत एक आतंकवादी थी। हेडली ने बताया है कि वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करती थी। एक कथित मुठभेड़ में गुजरात पुलिस ने उसे मार गिराया था। रिटायर आइपीएस अधिकारी डीजी वंजारा ने कहा कि यह साबित हो गया है कि वह मुठभेड़ जायज थी।
कॉलेज की छात्रा 19 वर्षीया इशरत और उसके तीन अन्य साथियों को 2004 में गुजरात पुलिस ने कथित फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था। जब मुठभेड़ हुई थी उस दौरान वंजारा शहर की अपराध शाखा के डीसीपी थे। पिछले वर्ष फरवरी में मुंबई की एक अदालत ने उन्हें जमानत पर रिहा किया। अदालत ने गुजरात में उनके प्रवेश पर रोक लगा रखी है इसलिए वर्तमान में वह मुंबई में रहते हैं।
वंजारा ने कहा, "मुठभेड़ पर राजनीति शुरू हो गई थी और उसने दूसरा ही रुख अख्तियार कर लिया। मुठभेड़ सही थी लेकिन गुजरात पुलिस के खिलाफ मामले फर्जी हैं। हेडली की गवाही से इशरत के निर्दोष कॉलेज छात्रा होने की दलील झूठी साबित हो चुकी है।" उन्होंने कहा कि एजेंसियां और लोग फर्जी मुठभेड़ का दावा कर रहे थे।

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