Monday, January 3, 2011

काफी सुर्खियों वाला साल


बीता साल मुंबई तथा महाराष्ट्र के लिए काफी सुर्खियों वाला साल रहा। साल 2010 में 26/11 हमलों के आरोपी अजमल आमिर कसाब, 11 जुलाई को हुए ट्रेन विस्फोट के 13 संदिग्धों और अभिनेता शाइनी आहूजा पर लगे दुष्कर्म के मामले सुर्खियों में रहे। दूसरी ओर अभिनेता जॉन अब्राहम को दोषी ठहराए जाने, आदर्श सोसाइटी मामला, क्रिकेट बोर्ड और आईपीएल के निलंबित आयुक्त ललित मोदी के बीच मामला, बीसीसीआई की किंग्स इलेवन और राजस्थान रॉयल्स पर कार्रवाई भी खासी चर्चा में रही। गुजरे साल में तीन मई को एक मुकदमा अदालत ने कसाब को दोषी ठहराया, जिसके तीन दिन बाद उसे मौत की सजा सुनाई गई। कसाब ने इस सजा को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी। सरकार ने इस मामले में दो अन्य भारतीय आरोपियों फहीम अंसारी और सबाउद्दीन अहमद को रिहा करने के खिलाफ अपील दायर की। अदालत में इस समय कसाब को मौत की सजा की पुष्टि और इन दोनों के खिलाफ अपीलों पर सुनवाई हो रही है। इसके अलावा एक विशेष मकोका अदालत ने 11 जुलाई, 2006 को ट्रेनों में हुए शृंखलाबद्ध धमाकों के मामले में लश्कर और सिमी के 13 संदिग्ध सदस्यों के खिलाफ मुकदमा शुरू किया। जुलाई, 2006 को 10 मिनट के भीतर पश्चिमी रेलवे की सात लोकल ट्रेनों के प्रथम श्रेणी कंपार्टमेंट में धमाके हुए थे। अपनी घरेलू नौकरानी से कथित दुष्कर्म के मामले का सामना कर रहे शाइनी आहूजा के मामले में सात सितंबर को तब अचानक मोड़ आ गया, जब नौकरानी अपने बयान से पलट गई। उसने कहा कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ ही नहीं और पुलिस ने झूठा मामला दर्ज किया। ऐसे ही दूसरे मामले में एक सत्र अदालत ने एक अमेरिकी नागरिक और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में छह युवकों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। दुर्घटना के एक मामले में अभिनेता जॉन अब्राहम को 15 दिन की सामान्य कैद की सजा दी गई। इस सड़क दुर्घटना में दो लोग घायल हो गए थे। बीते साल मालेगांव में 2008 में हुए विस्फोट का मुकदमा भी चर्चा में रहा। एक विशेष मकोका अदालत ने 2009 में आरोपियों के खिलाफ मकोका आरोप हटा दिए थे, जिसके बाद यह मामला नासिक की सत्र अदालत में स्थानांतरित किया गया। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित पर भी आरोप हैं। आदर्श सोसाइटी हाउसिंग घोटाले ने भी इस साल प्रदेश को हिला दिया। इस घटना ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को कुर्सी से हटा दिया। इस बीच हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई , जिसमें कथित अनियमितताओं पर सीबीआई जांच की मांग की गई। याचिकाकर्ता सिमप्रीत सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे पर आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में एक शिकायत दायर की थी , पर उनका कहना है कि ब्यूरो ने अब तक प्राथमिकी नहीं दर्ज की। सीबीआई और सरकार दोनों ने जांच की प्रगति पर हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा , जिसके चलते अदालत ने मामले की सुनवाई को 18 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया। एक और जनहित याचिका की सुनवाई के तहत बॉम्बे हाई कोर्ट ने 27 दिसंबर को टीवी शो ' बिग बॉस ' के प्राइम टाइम पर प्रसारण को अनुमति दे दी।

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