Sunday, April 24, 2011

बिहार और यूपी के लोगों की मौजूदगी से एतराज

गुड़ तो खाएंगे लेकिन गुलगुले से परहेज करेंगे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) पर यह कहावत पूरी तरह से फिट बैठती है। पार्टी को सूबे में बिहार और यूपी के लोगों की मौजूदगी से एतराज है, लेकिन बात जब भोजपुरी फिल्में बना कर पैसा कमाने की आती है तो इसके नेताओं को लगता है कि इसमें कोई बुराई नहीं है।

एमएनएस के एक नेता की पत्नी भोजपुरी फिल्म बना रही हैं। एमएनएस चित्रपट कर्मचारी सेना के वाइस प्रेजिडेंट सतीश बाविसकर की पत्नी नंदा बविसकर भोजपुरी फिल्म बना रही हैं। इस फिल्म का नाम है ' त्रिदेव ' । फिल्म में भोजपुरी स्टार पवन सिंह और विराज भट्ट होंगे। फिल्म छठ के आसपास रिलीज की जाएगी।

इस बारे में जब सतीश बाविसकर ने स्थानीय टैब्लॉइड से कहा कि पार्टी की विचारधारा और पत्नी के फिल्म निर्माण में कहीं कोई विरोधाभास नहीं है। उन्होंने दावा किया कि उनकी पत्नी कुछ भी गलत नहीं कर रही हैं। वह तो केवल मराठी मानुष को बिजनस के गुर सिखा रही हैं।

पिछले दिनों यूपी और बिहार से राज्य में आने कर नौकरी या बिजनस करने वालों के खिलाफ एमएनएस ने हल्ला बोला था। उन पर राज्य के स्थानीय लोगों के लिए संसाधनों की कमी पैदा करने का आरोप लगाया था। अपने विरोध के तहत भोजपुरी फिल्में दिखाने वाले थियेटर्स तक पर हमला बोला गया था।

लेकिन, अब बाविसकर यह सब याद दिलाने पर तर्क देते हैं, ' जब कोई दुबे, चौबे और मिश्रा मराठी फिल्में बना कर पैसा कमा सकते हैं तो एक मराठी द्वारा भोजपुरी फिल्म बनाने में क्या गलत है? फर्क सिर्फ यह है कि यहां आ कर उत्तर भारतीय पैसा बनाते हैं और अपने गृह-राज्य में भेज देते हैं, जबकि मराठी मानुष वहां पैसा बनाएंगे और यहां लेकर आएंगे।'

छह महीने के भीतर फिल्म रिलीज होने के उम्मीद जताई जा रही है। वैसे यहां बता दें कि 1997 से बविसकर खुद फिल्म निर्माण के क्षेत्र में हैं और एक अन्य भोजपुरी फिल्म 'देवर भाभी' को बनाने में जुटे हुए हैं। इस पर उनका कहना है, ' मैंने पार्टी के सीनियर नेताओं को पत्र लिख कर कहा है कि मराठियों को भोजपुरी फिल्में बनाने का प्रोत्साहन दें ताकि वे वहां पैसा कमाएं और यहां लेकर आएं। जैसे उत्तर भारतीय महाराष्ट्र में आकर पैसा कमा रहे हैं, ठीक वैसे ही मराठियों को भी करना चाहिए।'

इस मसले पर एमएनएस के जनरल सेक्रेटरी शिरीष पारेकर का कहना है कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करके ही कुछ कॉमेंट कर पाएंगें। पार्टी के वाइस प्रेजिडेंट वागेश सारस्वत का कहना है कि इसमें कोई बुराई नहीं है और यह खालिस बिजनस की बात है।
आपको याद दिला दें 1 जुलाई 2008 को करीब 10 एमएनएस कार्यकर्ताओं ने लोअर पारेल के दीपक टॉकीज में इसलिए तोड़- फोड़ मचा दी थी, क्योंकि वहां भोजपुरी फिल्म 'बनके बिहारी' दिखाई जा रही थी। दोपहर के शो से कुछ ही समय पहले सिनेमा पर अटैक कर दिया गया था। मांग थी कि केवल मराठी फिल्में ही दिखाई जानी चाहिए। इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले इसी साल फरवरी में प्रताप टॉकीज पर एमएनएस कार्यकर्ताओं ने 'सैंया से सोलह श्रृंगार' फिल्म दिखाने पर हमला बोल दिया था।

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