Tuesday, December 21, 2010

नवनिर्माण सेना के अध्य़क्ष राज ठाकरे सोमवार को अचानक बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में अवतरित

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्य़क्ष राज ठाकरे सोमवार को अचानक बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में अवतरित हुए। उन्हें देखकर बीजेपी के पदाधिकारियों में सनसनी फैल गई। दोपहर करीब डेढ़ बजे वे पहुंचे तब बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सुधीर मुनगंटीवार, महासचिव विनोद तावडे, रघुनाथ कुलकर्णी और प्रवक्ता माधव भंडारी कार्यालय में थे। आने का मकसद बताते हुए राज ने कहा 'सामने एलआईसी के कार्लय का उद्घाटन करने आया था। पुराने दिन याद आ गए इसलिए चाय पीने चला आया।' फिर चाय के साथ गपशप का दौर चला। राज ने कहा प्रमोदजी थे तब मैं गपशप करने यहां आता करता था। माधव भंडारी ने बताया कि बाकी बातें इधर उधर की हुईं। आधे घंटे बाद राज चले गए। विनोद तावडे ने बताया कि बीजेपी राजनीतिक अस्पृश्यता में यकीन नहीं करती। अत: राज ने जब बीजेपी ऑफिस में आकर चाय पीने की इच्छा जताई तो हमने उनका स्वागत किया। हम सभी का स्वागत करते हैं और सभी से मिलने जाते भी है। हाल ही में छगन भुजबल आए थे, विलासराव भी आए थे। आने वालों का स्वागत करना शिष्टाचार है। राज ने नागपुर अधिवेशन के बारे में चर्चा की। राजनीतिक चर्चा कतई नहीं हुई, उनके और हमारे विचारों में अंतर है, मेल नहीं। उन्होंने भले राजनीतिक चर्चा नहीं की हो, राजनीतिक खेमे में उनकी भेंट चर्चा का विषय बनी। शिवसेना एवं बीजेपी के रिश्तों में पहले से तनाव व्याप्त है। जलगांव की विधानपरिषद सीट से बीजेपी के नेता एकनाथ खडसे के बेटे की हार के बाद युति में और तनातनी चल रही है। राज ठाकरे के कार्यक्रम के बाद शिवसेना के सांसद संजय राऊत और अन्य नेता यह पूछने के लिए एलआईसी के कार्यालय गए थे कि मनसे की यूनियन को जगह कैसे दी गई? पर शिवसेना के नेताओं ने बीजेपी कार्यालय की ओर रूख नहीं किया। शिवसेना से सतत तनावपूर्ण रिश्तों के कारण यह कयास लगता रहा है कि बीजेपी अब मनसे से गठबंधन करने के बारे में गंभीरता से विचार कर रही हैं। इस खबर का वह कई बार खंडन भी कर चुकी हैं। पर यह चर्चा ठंडी नहीं हुई है। सोमवार को राज की सरप्राइज भेंट ने इस कयास को और हवा दी है।

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